DHADKANE MERI SUN
माना कि... जो मैंने किया वह प्रेम भी था और लगाव भी... मगर जो उसने किया वह स्वार्थ ही था और जो दिया वह घाव ही... घाव देते वक़्त उसने तनिक भी ना सोचा कि क्या होगा मेरा जो अपने मन के मंदिर में पूजता है उसे प्रेम की देवी...मोहब्बत का देवता...
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मेरी सांसों में रहती है मगर आँखों से बहती है मैं तुझ बिन जी नहीं सकता धड़कने मेरी कहती हैं जो मिल जायेंगे मैं और तुम ज़मी जन्नत बनाऊंगा अमीरी हो या फकीरी हो सभी नखरे उठाऊंगा ज़माने भर की हर रौनक तेरे कदमो में...
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Masoomiyat ka haseen nazara thi voh, matlab har lafz me adakari -sahajta aur saralta wali yoon to haasil karne ki zid thi hume, chahte to paa sakte the use magar... pyaar kya hota hai usi ki masoom nigaho se seekha tha humne shaayad isiliye usko jaane diya uski khushi ke liye aur mohabbat ki had se guzarne lage hum, ishq karne lage hum, masoom kehne lage hum-masoom kehne lage hum...
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ना शाखों ने जगहा दी...ना हवाओं ने बख्शा वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता...l
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अब लफ्जों में हैं उसके खामोशियां अब रही ना वो पहले सी नजदीकियां आती नहीं मुझको अब हिचकियाँ जाती नहीं मन से क्यूं सिसकियाँ याद आती हैं उसकी वो सरगोशियां कहता था उसको मैं "मासूम" तब उसकी मासूमियत ये क्या हो गया वो जो मुझसे मिला मेरी...
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Some silences are louder than screams. Some eyes, deeper than oceans. This episode is not just a story — it’s a surrender. Of a heart that once loved without holding back, Of a soul that drank pain like wine — quietly, completely. "PAIMANE TERI AANKHON SE..." is for those who’ve ever looked into someone’s eyes and forgotten how to breathe. For those who’ve walked away carrying the weight of someone else’s goodbye. Tune in — not just to listen, but to feel. तू गुजर गई करीब से मेरा मयार छोड़ कर मैं...
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तू कहती थी तेरी ही हूँ मैं तू कहती थी तेरी रहूंगी बगावत भी कर लूँगी जग से तेरी होने को सब कुछ सहूंगी समंदर की तरहा तू रहना मैं नदिया सी संग संग बहूँगी दर्द तूने दिया मर मिटा मैं लोग कहते हैं तू बेगुनाह थी आखिरी सांस तक तुझको चाहूँ...
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मेरे इश्क़ का तू दरिया सागर मैं चाहतों का चाहें आये तूफ़ाँ कितने तेरा प्यार राहतों सा तू ही ज़ख्म तू ही मरहम तू ही दर्द की दवा है सासों में तेरी खुशबू आँखों में तू बसा है कहती है दुनिया सारी मुझे तेरा ही नशा है मुझे तेरा ही नशा है,
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तुम जो धड़कती थी सीने में जिंदगी बनकर.....मेरे ज़िस्म मेरे शरीर में मेरी रूह बनकर.....मेरे दिल के हर हिस्से में दौड़ते रक्त प्रवाह की मानिंद..... कहीं तुम्हें कोई दर्द ना हो मेरी वज़ह से तुम्हें कोई आघात ना हो...मेरे प्रेम की निरंतरता...
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ना अता ना पता ना खबर बड़ी मुद्दत हुई ना हुई कोई मुलाक़ात ना ही मुहब्बत हुई बड़ी बड़ी बातेँ वादे इरादे शायद भूल गया है वो ऐसी कैसी मुहब्बत में उसकी शिद्दत हुई माना के वो थोड़ा मगरूर था हुस्न ए जवानी पे अपनी...... पर बंदिश ए...
info_outlineकभी तेरे नैनों पे लिखा