Dhadkane Meri Sun
कहते हैं कि वक़्त आदतन चीजों को संयमित कर देता है , मगर इंतजार...जो प्यार में होता है किसी का, वह अपनी जगह ढीठ बना रहता है, शून्य और अनंत के बीच फैले रिक्त स्थानो में...यह सोच कर कि तुम आओगी और पढ़़ोगी मेरी आँखों में लिखी वो सारी...
info_outlineDhadkane Meri Sun
वो लम्हे जो दर्द थे तेरा वो लम्हे जो फर्ज थे मेरा निभाये जो आँसुओं की धार में वो लम्हे जो मुझपे कर्ज़ थे तेरा.... मगर कह के एहसां , जता दिया तूने अपनों की फ़ेहरिस्त से हटा दिया तूने हुस्न और इश्क़ की जद्दोजहद में मैं गैर...
info_outlineDhadkane Meri Sun
तेरी यादों में जलकर ये अहसास हुआ कि आग हो या प्यास...पानी से नहीं बुझती.... इसलिए ...मैं और मेरी तन्हाई...अक्सर ये बातेँ करते हैं कि... तुम होतीं ... तो कभी आँखों से पीते, कभी लबों से पीते... पैमाने मोहब्बतों वाले... हर ज़ाम में तेरी प्यास होती, हर...
info_outlineDhadkane Meri Sun
सुनो...लौट आओगी क्या पुनः मिलकर वही कहानी दोहराओगी क्या पुनः वैसी ही हसीन शामों में प्यार के वैसे ही नगमें गुनगुनाओगी क्या पुनः लहरा के आंचल वो मोहब्बतों वाले फैलाके दामन वो शिद्दतों वाले रातों में नींद से जगाओगी क्या...
info_outlineDhadkane Meri Sun
Tu hi subaha thi, tu hi shaam thi har raat k hr lamhe ka armaan thi aati jati hr saans me teri aahten thi do pal ki baaton me badi raahten thi teri dil nawaji ka mujhe bada guman tha Jism tha, aag thi, hr chhuan me ek dhuaan tha Ishq k mausam me Ishq jawaan tha Vo subha vo shaam...raaton k vo haseen armaan Vo husn murtaza vo lafz bejubaan Vo chhuan vo dhuan vo kashish vo tapish... tumhe haasil na kr pane vo khalish aaj bhi yaad hai mujhe...
info_outlineDhadkane Meri Sun
Tumhare jane k bad... Maine jana...ki prano k rahte hue bhi mrat ho jana.....kiya hota hai Jab chali gai tum mukt hokar iss jahan se...tab... tab maine jana ...ki jism se jaan ka chale jana...fir bhi jinda rahne ka abhinaya karna....kiya hota hai.. Yah sb maine jana... Tumhare jane k bad...
info_outlineDhadkane Meri Sun
तू मुझमें और मैं तुझमे हूँ ख्वाब मेरा तू - मैं उसमें हूँ वादों में हूँ - इरादों में हूँ तू क्या जाने - किस किस में हूँ कब मिलेंगे - कहाँ मिलेंगे वक़्त का पहिया घूम रहा है दूर गगन में - अपनी मगन में दिल....SAIYAARA ....ढूँढ़ रहा है ...I
info_outlineDhadkane Meri Sun
उल्फत की बातेँ जन्मों के वादे वो रस्में वो कसमें और जन्नत सी रातें कितने जवां और कितने थे पक्के पत्थर की मानिंद तेरे इरादे फिर भी तूने जुल्म ये ढाया क्यूँ बेवफा मुझे इतना रुलाया मोहब्बत थी या फिर आवारगी थी कैसी वो तेरी दीवानगी थी...
info_outlineDhadkane Meri Sun
यह कोमल और चंचल मन मेरा, उससे दूर नहीं जाना चाहता, नजरों में बसा कर रखना चाहता है..बाहों के दरमियाँ ना सही..वो करीब से गुजर जाये.. बस. ऐसी अजनबी मुलाकातों में ही सही..। ना दर्द हो..ना गम हो ना बोझ हो इस दिल पर कोई राहे मोहब्बत में मुश्किलों...
info_outlineDhadkane Meri Sun
कभी तेरे नैनों पे लिखा तो कभी नैनों के मोतियों पे लिखा कभी तेरे मासूम चेहरे पे लिखा तो कभी चेहरे की मासूमियत वाली बातों पे लिखा कभी इश्क़-ए - मिजाजी पे लिखा तेरी तो कभी इश्क़-ए-दगाबाजी पे लिखा कभी ग़ज़ल लिखी कभी गीत लिखा तो कभी...
info_outlineMy Dear Listeners,
As you already know, Dhadkane Meri Sun has become the closest companion to your journey of love.
Love doesn’t wait for a special day—it flows freely, beyond time and moments. And yet, when those heartfelt emotions are celebrated on a special occasion, life feels even more poetic, even more magical.
Yes, you guessed it right—Valentine’s Day!
That’s why, breaking tradition just a little, this week’s episode arrives a day early—because your emotions deserve to be felt in their most raw and unfiltered form.
So, immerse yourself in the essence of love, passion, and devotion with… "Ye… Ishq Mohabbat Pyaar Wafa…!"
Let your heart beat a little louder. Let your soul embrace the rhythm of love.
Happy Valentine’s Day, my dear listeners! ❤️
राहे मोहब्बत में फूलों को बिछाने वाले...दिलों को न्यौछावर करने वाले खुद मिट जाते हैं मगर अपनी मोहब्बत को सहेज कर रखते हैं...वो नहीं करते परवाह किसी ताज-ओ-तख्त की...वो नहीं करते फ़िक्र ज़माने के लहजा-ए-सख्त की....वो तो बस करते हैं और करते ही रहते हैं...दरिया दिल ज़माने की अमीरी में भी ....गर हो जाये दुश्मन वही ज़माना आपकी मोहब्बत का..तो झोली फैला कर मोहब्बत की सलामती मांगने की फकीरी में भी...क्योंकि वे जान चुके होते हैं कि ये जो दुनिया है ना...ये दुनिया चाहे कितनी ही ज़ालिम क्यों न हो जाये...मोहब्बत के पैमाने भले ही ख़ज़ाने क्यों न हो जाए...आखिरकार ये दुनिया...चलती तो मोहब्बत से ही है...इसीलिए तो कहता हूं दोस्तों...कि..