DHADKANE MERI SUN
ज़रा आँखों में मोहब्बत की तिश्नगी पिरोईये फिर हसरतों को सावन की मस्तियों में भिगोईये और फिर देखिये-ऐसे लगेगा जैसे.... कहीं बारिश की हर बूंद में प्यार बरस रहा है तो कहीं दौर-ए-मोहब्बत की पुरानी यादों में भीगा तन मन बूंद बूंद को तरस...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
तू वो ग़ज़ल है मेरी जिसमें तेरा होना तय है तू वो नज्म है मेरी जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है इसलिये नहीं... कि... तू मेरी दस्तरस में है बल्कि इसलिये...कि... तू आज भी मेरी नस - नस में है इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र ना...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
कभी तेरे नैनों पे लिखा तो कभी नैनों के मोतियों पे लिखा कभी तेरे मासूम चेहरे पे लिखा तो कभी चेहरे की मासूमियत वाली बातों पे लिखा कभी इश्क़- ए -मिजाजी पे लिखा तेरी तो कभी इश्क़ - ए-दगाबाजी पे लिखा कभी ग़ज़ल लिखी कभी गीत...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
मेरी सांसों में रहती है मगर आँखों से बहती है मैं तुझ बिन जी नहीं सकता धड़कने मेरी कहती हैं जो मिल जायेंगे मैं और तुम ज़मी जन्नत बनाऊंगा अमीरी हो या फकीरी हो सभी नखरे उठाऊंगा ज़माने भर की हर रौनक तेरे कदमो में...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
उसने अपने खत में लिखा.... ये कैसा प्यार है तेरा... बिस्तर में सलवटें ही नहीं पड़ती, सलवटें पड़े भी तो कैसे... क्योंकि...तू वहाँ ... मैं यहाँ.... ये कैसा खुदा है मेरा .... धरती प्यास से तड़प रही है मेघ हैं कि बरसने का नाम ही नहीं लेते मेघ बरसे भी तो...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
क्या खूब समा था इश्क़ के महीने में - इश्क़ जवां था मौसम के थे नजारे आंखों के थे इशारे बातों में कशिश थी इतनी लहजे में तपिश थी इतनी जिस्म था - आग थी हर छुअन में एक धुआं था हसीना थी कमसिन दीवाना जवां था इश्क़ के...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
Dive into the heart of romance this Valentine's Day with "Half Love-Incomplete Dream." A tale of love's complexities and unfulfilled dreams, poetically captured in Dr. Rajnish Kaushik's stirring words: "आधा प्रेम जड़ है अनंत पीड़ा की, जिसमें अधूरे ख्वाब पनपते हैं। चलो छोड़ो मोहब्बत की बातेँ, खुद से लड़ कर खुद ही में सिमटते हैं।" Experience the intertwining of love, sorrow, and self-discovery. Join...
info_outlineDHADKANE MERI SUN
ये छेड़छाड़ , ये आवारगी , और ये दास्ताँ-ए-मोहब्बत उस रोज़ उस रात की तन्हाई की है दोस्तों,जब हम भी मूड में थे और वो भी........ ......मगर... with full dedication.
info_outlineDHADKANE MERI SUN
Embark on a Soulful Journey with 'Those Moments'! Listen now on Spotify, Amazon, and JioSaavn! Capturing the essence of unforgettable moments, this episode on #Dhadkane MeriSun podcast by Dr. Rajnish Kaushik is a must-listen! Join us for a heartfelt experience filled with soulful music, emotions, and cherished memories.
info_outlineDHADKANE MERI SUN
उल्फत की बातेँ जन्मों के वादे वो रस्में वो कसमें और जन्नत सी रातें कितने जवां और कितने थे पक्के पत्थर की मानिंद तेरे इरादे फिर भी तूने जुल्म ये ढाया क्यूँ बेवफा मुझे इतना रुलाया मोहब्बत थी या फिर आवारगी थी कैसी वो तेरी दीवानगी थी...
info_outlinePrem ka seedha sambandh sparsh se hai---sparsh koi bhi ho--- jismani ya mansik ---vah aahat hai prem ki
Kisi ko choone ya sochne se hame jo aanand aata hai vah aanand hi prem hai ---mohabbat hai ishq hai
Aur yahi vah aanand bhi hai jo hame hamare prem ki pahli khabar deta hai
Balki yah kahna bemani nahi hoga ki sparsh hi prem ki bhasha hai
Kishi ke sparsh se jitna adhik aanand aayega-prem bhi utna hi adhik gahra hota chala jayega